Friday 21 September 2018

Modern Shia

मॉडर्न शिया
1  मॉडर्न शिया आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने वाले लोग हैं जो साइंस और टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ेंगे क्योंकि वे जानते हैं ज्ञान का रास्ता ही अली अलै० का रास्ता है
2  मॉडर्न शिया उसी को अपना दीन  मानेंगे जो क़ुरान में है , रसूल ने कहा है या अहलेबैत अलै० ने कहा है - ज़बाने वह्य को मानेंगे या ज़बाने मासूमीन को मानेंगे
3 मॉडर्न शिया यह जानते हैं ज़िन्दगी में चाहे वे जो कुछ पा लें ज़िन्दगी का मक़सद इमाम हुसैन अलै० की क़ुर्बानी को ज़िंदा रखना है जो उनके बुज़ुर्ग 1380 वर्षों से करते आ रहे हैं।
रसूल ने कहा ' जिसने फातिमा को नाराज़ किया उसने मुझे नाराज़ किया और जिसने मुझे नाराज़ किया उसने अल्लाह को नाराज़ किया तो अल्लाह को नाराज़ करने वालों से मॉडर्न शिया भी अपना मुंह फेरते हैं पर जिस तरह इस्लाम की खातिर मौला अली अलै० ने उनसे निभाया वैसे ही उनके नासमझ मानने वालों से मॉडर्न शिया भी निभाने की कोशिश करते रहेंगे।
मॉडर्न शिया खूब समझते हैं  कि सिर्फ कर्बला को ज़िंदा रखने की वजह से उनसे नफरत की जाती है , उनके बारे मैं झूठी अफवाहें गढ़ी जाती हैं उन पर हमले किये जाते हैं उन्हें क़त्ल किया जाता है।
एक Ummah TV है जिस पर एक मुनाफ़िक़ बहुत बदतमीज़ी से बात करता है कहता है तुम्हारी किताबों में तो लिखा है क़ुरान में तहरीफ़ हुयी , तुम कहते हो जिब्राइल  अली के बदले गलती से मुहम्मद को रिसालत दे आये - ऐ नासमझ हम किसी और किताब या किसी और मौलवी या स्कॉलर को नहीं मानते सिवाय क़ुरान     और जो मासूमीन ने कहा और किसी मासूम ने ऐसा कुछ नहीं कहा और जब इमाम महदी अलै० तशरीफ़ लाएंगे तो जो उनका ह्युक्म होगा उसको मानेंगे। 

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